इससे पहले रवि शास्त्री ने यह कह की विवाद खड़ा किया था की सौरव जब मेरा प्रेजेंटेशन हुआ तब वहा मोजूद नहीं थे. में इसे किसी भी प्रत्याशी का अनादर मानता हु. शास्त्री ने सौरव को सलाह देते हुए कहा था की अगलीबार सौरव को इतनी महत्वपूर्ण मीटिंग में हाजिर रहना चाहिए.
सौरव ने इस पर कहा की मेने शुरुआत में एक दो हेडलाइंस को नजर अंदाज़ करना चाहा लेकिन रवि ने इसे व्यक्तिगत ले लिया है. कोच के चयन के लिए बनाई गई कमिटी में और भी मेम्बर थे वो उन्हें पता होना चाहिए.
शास्त्री के सुझाव पर सौरव ने जवाब दिया की मुझे नहीं पता वो गंभीर थे या नहीं लेकिन रवि को में सुझाव दूंगा की यदि वो इस पद की गंभीरता समजते तो यहाँ आकर प्रेजेंटेशन देते नाकि बेंकोक में छुट्टीयां मनाते मनाते.
कोच के सिलेक्शन पर कुंबले को पसंद करने पर दादा ने कहा में उन्हें शुभकामनाएं देता हु. वो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है. वो भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाईयों पर ले जायेगा.